
पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच उपजे तनाव ने कुछ दिनों तक LOC पर हालात बेहद नाज़ुक बना दिए थे, लेकिन अब संघर्षविराम की घोषणा के साथ क्षेत्र में शांति की वापसी हो रही है।
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने शनिवार को मीडिया से बातचीत के दौरान राज्य की स्थिति पर अपडेट साझा किया। उन्होंने कहा कि फिलहाल एलओसी और बॉर्डर पर कोई सीज़फायर उल्लंघन नहीं हुआ है।
सीज़फायर लागू, अब नुकसान का आंकलन
सीएम उमर ने कहा,
“ना बॉर्डर पर और न ही एलओसी पर कहीं से भी सीज़फायर उल्लंघन की कोई ख़बर नहीं है।”
उन्होंने बताया कि अब राज्य सरकार पहले हुए नुकसान का आकलन कर रही है। एक “डैमेज असेसमेंट रिपोर्ट” तैयार की जा रही है, जिसके आधार पर मुआवज़ा पैकेज बनाया जाएगा।
राज्य-केंद्र समन्वय से बनेगा राहत पैकेज
सीएम उमर ने स्पष्ट किया कि
“जो सहायता राज्य सरकार खुद दे सकती है, वो दी जाएगी। जहां केंद्र की मदद की ज़रूरत होगी, हम वहां से सहायता मांगेंगे।”
इस बयान से स्पष्ट है कि केंद्र और राज्य मिलकर इस आपदा से प्रभावित लोगों की जल्द राहत के लिए तत्पर हैं।
क्या हुआ था पहलगाम में?
सात मई को पहलगाम में हुए हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव इतना बढ़ गया कि तीन दिन तक सैन्य संघर्ष जैसी स्थिति बन गई। लेकिन 10 मई की शाम को संघर्षविराम पर सहमति बनने के बाद दोनों देशों ने संयम दिखाया और सीमा पर शांति बहाल हुई।
एडिटोरियल एडवाइजर, अजीत उज्जैनकर
सीज़फायर का पालन और नुकसान की भरपाई की दिशा में उमर अब्दुल्लाह सरकार की तत्परता यह दर्शाती है कि राज्य सरकार अब शांति और पुनर्निर्माण को प्राथमिकता देने के मूड में है। यह कदम क्षेत्रीय स्थिरता के लिए अहम माना जा रहा है।
सीज़फायर के बाद उमर अब्दुल्लाह का बयान यह दिखाता है कि जम्मू-कश्मीर धीरे-धीरे सामान्य स्थिति की ओर लौट रहा है। अब मुआवज़ा और पुनर्वास की प्रक्रिया इस दिशा में अगला बड़ा कदम होगी। केंद्र और राज्य सरकार की संयुक्त पहल से घाटी में एक बार फिर अमन की बहाली की उम्मीदें जगी हैं।